हँसते रहो, बिमारियोंको दूर भगाते रहो जाने कैसे?
अल्लाह ने हमें कई तरह के अनेक ऐसे गुणों से पूरा किया है जिनसे की इंसान दुख मे भी सुख का अनुभव कर सकें. अपने दुखों को कम महसूस करें जैसे कि हँसना. हंसने का गुण अल्लाह ने सिर्फ इंसान कोदिया है. पक्षी कभी नहीं हंसते व जानवर कभी नहीं हंसते, कभी ठहाका नहीं लगाते. जानवरों को हंसी का गुण अल्लाह ने नहीं दिया है. इंसानो के पास हंसी का गुण होने के बावजूद भी अधिकतर आदमी अपने आप को गुस्से, में तनाव में चिंता में दुखी रहते हैं. ऐसे लोग कभी हंसते हुए दिखाई नहीं देते उनको भी हंसी का गुण मिला है किन्तु ऐसे लोगों ने कभी हंसके ही नहीं देखा है. अगर हम हंसने की कोशिश करें तो मात्र हंसी का गुण अपनाने से अपने सभी दुखों से आज मिल सकती है. हम जब दुखी होते हैं तो केवल हम रोते हैं इसके उलट जब हम हंसते हैं तो सभी को हंसता हुआ महसूस करते हैं.
हंसने से चेहरा सुंदर बनता है, चेहरा खिल उठता है. मन को बहुत ज्यादा सुकून मिलता है.हंसने से अवसाद दूर होता है. जोर से हंसने से पेट की आंतों में कंपकपी होती है जिससे पेट के रोग दूर होते हैं. दिन में कम से कम तीन बार जोर लगाकर हंसना चाहिये.
हंसने से चेहरा सुंदर बनता है, चेहरा खिल उठता है. मन को बहुत ज्यादा सुकून मिलता है.हंसने से अवसाद दूर होता है. जोर से हंसने से पेट की आंतों में कंपकपी होती है जिससे पेट के रोग दूर होते हैं. दिन में कम से कम तीन बार जोर लगाकर हंसना चाहिये.
हमें हमेशा हंसते मुस्कराते हुए रहना चाहिये.


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