Apni body language ko behtar banaye

आज के दौर में जिंदगी का कंपटीशन केवल पढ़ाई के दम पर नहीं जीता जा सकता है। जिंदगी में आगे निकलने के लिए कुछ अलग और खास बनने की जरूरत होती है और यह झलकता है आपकी पर्सनालिटी से जो भीड़ में होते हुए भी आपको भीड़ से अलग बना देती है।

 फ्रेंड्स मैंने डॉ विजय अग्रवाल की बुक "स्टूडेंट  और पर्सनैलिटी डेवलपमेंट" पढ़ी जो मुझे बहुत ही अच्छी लगी और उसमें एक पार्ट था बॉडी लैंग्वेज का जिसमे बहुत अच्छे पॉइंट्स दिए हुए थे मैं उनमे से कुछ पॉइंट्स आपके साथ शेयर कर रही हूं।

~ हमारी हर चेष्टा में सक्रियता और तस्वीर दिखाई देनी चाहिए ऐसा नहीं लगना चाहिए कि हम आलसी हैं सामने वाले को ऐसा नहीं लगना चाहिए कि हम उस क्यों पीछा कर रहे हैं हमारी हर गतिविधि में प्रफुल्ल लता झलक चाहिए ।

~जब भी हम किसी के सामने जाए सामने वाले को या महसूस होना चाहिए कि हमारा ध्यान उसी पर है यानी कि हमें कोशिश करनी चाहिए कि हम उसका विशईयू्वास अर्जित कर सकें।

~ सामने वाली की गरिमा का सम्मान करना चाहिए और हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए हमारी हर गतिविधि से या लगना चाहिए कि हम उसकी पूरी रेस्पेक्ट कर रहे हैं।

~हमारी किसी भी गतिविधि से सामने वाले के मन में अरुचि का भाव पैदा नहीं होना चाहिए हमें कुछ भी ऐसा नहीं करना चाहिए जो उसे  अच्छा ना लग रहा हो।

~हमारी हर गतिविधि में यह झलकना चाहिए कि मैं पहाड लिखा हूं मुझे शिष्टाचार आता है और मैं संस्कारवान हूं।

~कभी ओवर स्मार्ट बनने की कोशिश नही करनी चाहिए बहुत अधिक बोलना सामने वाली की बात हो काटना अनावश्यक बहस नॉलेज जाना तथा बेवजह तो काटा की करना आधी ओवरस्मार्ट बनने की साइकोलॉजी को बताते हैं।

*नीचे कुछ तक के हैं जिन के प्रति आप को विशेष सतर्क रहना चाहिए।*

बैठना
~जब भी आप बैठे हैं आपके पास में मैं आपका विश्वास और आपके अंदर की ऊर्जा अभिव्यक्त होनी चाहिए और जब भी आप कुर्सी पर बैठे हैं आप की रीढ़ की हड्डी कुर्सी के पीछे के हिस्से से सटी हुई और तनी हुई होनी चाहिए बैठने और खड़े होने का ढंग आप किसी भी आर्मी ऑफिसर को देखकर सीख सकते हैं।

~बैठने के दौरान आपके कंधे सीधे होने चाहिए ना कि बे झुके हुए हो।

~जब भी आप बैठकर किसी से बात करें तो आपको अपने हाथों का संचालन बहुत अधिक नहीं करना चाहिए।

खड़ा होना

~जिस तथा आप के बैठने मैं आपके अंदर की ऊर्जा दिखाई देनी चाहिए ठीक वैसे ही आप को खड़ा हुआ देखकर यह लगना चाहिए कि आप सचमुच में ऊर्जावान है।

~जब आप खड़े हो तो आपके दोनों पैर बिलकुल सीधे होने चाहिए या नहीं कि घुसने हल्के से मुड़े हुए ना हो यह मुड़ हुए घुटने आलस से और लापरवाही इन दोनों को बताते हैं।

~यदि आप अपने से बड़े व्यक्ति के सामने खड़े हैं तो ना तो सीने पर हाथ बांधकर न खड़े हो और ना ही आपके दोनों हाथ आपके पॉकेट के अंदर होने चाहिए यह ठीक नहीं लगता है हां अगर आप आपने से छोटों से बात कर रहे हो तो उसके दौरान ऐसा करना गलत नही होगा।

हाव भाव

~बातचीत के दौरान हमारे चेहरे के हाव भाव की बहुत बड़ी भूमिका होती है जो अपने हाथों को बहुत अधिक घुमा फिरा कर बातें करते हैं वह मुझे अच्छे नहीं लगते शायद आपको भी अच्छे नहीं लगते होंगे।

~ठीक इसी तरह बातचीत के दौरान आपकी आंखों की पुतलियां भी इधर-उधर नहीं भटकने चाहिए बेहतर होगा आप जिस से बात कर रहे हैं उसके साथ अपना आई कांटेक्ट बना रहे।

 ~बातचीत के दौरान यदि चेहरे पर पसीना रहा हो तो उसकी परवाह मत कीजिए लेकिन हां यदि आपको बहुत अधिक पसीना आने की आदत है इतना की वह बिल्कुल टपकने को ही आ जाए तब आप उसे पोछने के लिए अपनी हथेली के बजाय रुमाल का प्रयोग करे वो भी बहुत हल्केपन के साथ ।


So friends I hope u like it.....
Agar apko ye acha lge to like zaroor kare....###^*^

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